ग़ैर हिन्दू , सिख, और बौद्ध के अतिरिक्त अन्य धर्मों के धर्मांतरित को अनुसूचित जाति का दर्जा ? केंद्र ने किया पैनल का गठन

ग़ैर हिन्दू , सिख, और बौद्ध के अतिरिक्त अन्य धर्मों के धर्मांतरित को अनुसूचित जाति का दर्जा ? केंद्र ने किया पैनल का गठन

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  • October 9, 2022
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सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारत के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार केंद्र ने जाँच आयोग अधिनियम, 1952 (1952 का 60) की धारा 3 के अंतर्गत एक जांच आयोग नियुक्त किया है।
अधिसूचना के अनुसार भारत के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस के जी बालाकृष्णन इस आयोग के अध्यक्ष होंगे जबकि पूर्व आई ए एस डॉ रविन्दर कुमार जैन और प्रो (डॉ) सुषमा यादव (सदस्य, यूजीसी) इस आयोग के दो अन्य सदस्यों के रूप में कार्य करेंगे।
अधिसूचना में कहा गया है कि ऐतिहासिक रूप से सामाजिक असमानता एवं भेदभाव को झेलते आ रहे तथा उसके परिणाम स्वरुप पिछड़ेपन का सामना करने वाले कतिपय व्यक्ति समूहों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत समय-समय पर जारी राष्ट्रपति के आदेशों द्वारा अनुसूचित जातियां घोषित किया गया है।
अधिसूचना के अनुसार कतिपय समूहों ने राष्ट्रपति के आदेशों के माध्यम से अनुमति प्राप्त धर्मों के अलावा अन्य धर्मों के नए व्यक्तियों को अनुसूचित जाति का दर्जा प्रदान करके अनुसूचित जाति की मौजूदा परिभाषा में संशोधन करने हेतु प्रश्न उठाया है तथा इसके विपरीत अनेक समूहों ने इसका विरोध किया है। मौजूदा अनुसूचित जातियों के कतिपय प्रतिनिधियों ने नए व्यक्तियों को अनुसूचित जाति का दर्जा प्रदान काने का विरोध किया है। यह एक मौलिक और ऐतिहासिक रूप से जटिल समाजशास्त्री तथा संवैधानिक प्रश्न है और एक सार्वजिनक महत्व का निश्चित मामला है।
इसके महत्व, संवेदनशीलता, और संभावित प्रभाव को देखते हुए इस से संबंधित परिभाषा में परिवर्तन विस्तृत और निश्चित अध्यन तथा सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के आधार पर होना चाहिए। अभी तक जांच आयोग अधिनियम, 1952 (1952 का 60) के अंतर्गत आयोग ने इस मामले की जांच नहीं की है।

अतः अब केंद्र सरकार जांच आयोग अधिनियम, 1952 (1952 का 60) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्वारा जांच आयोग नियुक्त करती है।
यह जांच आयोग निम्नलिखित विषयों पर विचार करेगा :-
1 संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत राष्ट्रपति के आदेश द्वारा उल्लेखित धर्मों के अलावा अन्य धर्म में धर्मान्तरित तथा ऐतिहासिक रूप से अनुसूजित जाति से संबंध होने का दावा करने वाले अनुसूचित जाति का दर्जा प्रदान करने संबंधी मामले की जांच करना।
2 अनुसूचित जातियों की मौजूदा सूची में नए शामिल हुए समूहों से मौजूदा अनुसूचित जातियों पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच करना
3 अन्य धर्मो में धर्मान्तरण के बाद रीति रिवाज, परम्परा, सामाजिक तथा अन्य दर्जा संबंधी भेद भाव करने, व लाभवंचित करने तथा अनुसूचित जाति का दर्जा प्रदान करने के प्रश्न पर पड़ने वाले इसके प्रभाव के सन्दर्भ अनुसूचित जाति के व्यक्तियों में आए बदलाव की जांच करना ;
4 केंद्र सरकार के परामर्श और सहमति के बाद किसी अन्य संबंध प्रश्न की जांच करना जिसे आयोग उचित समझे।
आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और आयोग, अध्यक्ष द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तारीख दो वर्ष के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

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